मॉं सरस्वती की साकार प्रतिमुर्ति, भारतीय संस्कृति तथा दर्शन की साक्षात् प्रतीक, मानस मर्मज्ञा अनंत श्री विभूषित परम पुज्य साध्वी मॉं कनकेश्वरी देवी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।
परम पुज्य संत साध्वी मॉं कनकेश्वरी देवी गुजरात राज्य के मोरबी के तपोनिष्ठ, त्यागमूर्ति, ब्रह्मचारी संत, श्री शंभु पंच अग्नि अखाडे के महापुरुष, परम सिध्दावतार प.पू. केशवानंद बाबा की असीम कृपापात्र है। प. पू. संत साध्वी मॉं कनकेश्वरी देवी ने बाल्यावस्था से ही अपने संचित पुण्यों के प्रताप से अपने श्रीमुख से श्री रामचरितमानस एवं श्रीमद् भागवत की अमृतरुपी रसधारा प्रवाहित करना प्रारंभ कर दिया था। यह ज्ञान गंगा देश के विभिन्न अंचलों तक प्रवाहित हो चुकी है। प. पू. संत साध्वी मॉं कनकेश्वरी देवी की अमृत वाणी में विराजमान वाग्देवी की कृपा का यह साक्षात चमत्कार है कि उनके व्दारा धर्म-कर्म तथ ज्ञानयज्ञ के माध्यम से दी गयी असंख्य आहुतियों के कारण भौतिकवाद से आपूरित इस युग में भी जनमानस में सामाजिक चेतनाए धर्मनिष्ठा तथा जनजागरण का दिव्य शंखनाद हुआ है। अपनी सहज ममता, प्राणीमात्र के प्रति करुणा तथा स्नेह की प्रतिमुर्ति स्वरुपा प. पू. संत साध्वी मॉं कनकेश्वरी देवी की अनुपम प्ररणा से राष्ट्र के अनेक स्थानों पर अन्नक्षेत्र, गौशाला, विद्यालय-महाविद्यालय, वानप्रस्थ आश्रम सहित अनेक प्रकल्प जनता-जनार्दन की सेवा में अनवरत् समर्पित भाव से संचालित है।
Shrimad Bhagwat Katha Day-8 Part-1, in Amreli (Gujarat), On : 01 November 017 By Pujya Kankeshwari Devi Ji
श्रीमद भागवत कथा, दिन-8 भाग-1, स्थान : अमरेली (गुजरात), वक्ता : पुज्य कनकेश्वरी देवी जी
To subscribe click this link –
#PujyaKankeshwariDeviJi #KankeshwariDeviJi #ShrimadBhagwatKatha #BhagwatKatha