युगो पूर्व परमपिता परमेश्वर ने सृष्टि की रचना की थी। चल अचल, मूर्त अमूर्त एवं सजीव निर्जीव समस्त उस परम पिता परमेश्वर की ही कृति है। सतयुग बीता, त्रेता एवं द्वापर युग भी व्यतीत हो गया है। कलियुग का अभी पूर्वाध ही हुआ है परन्तु इस पूर्वाध के दौरान ही हमें कलियुग की संकल्पना वेद पुराणो में वर्णित है उसकी वास्तविकता प्रमाणित होते दिखनी लगी है।
Shrimad Bhagwat Katha, Day-1, In Vrindavan (Uttar Pradesh) By Pujya Shri Laxman Das Ji Maharaj.
श्रीमद भागवत कथा, दिन-1, स्थान : वृंदावन (उत्तर प्रदेश) वक्ता : पूज्य श्री लक्ष्मण दास जी महाराज.
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