संदीप कुमार मिश्र : दोस्तों माता लक्ष्मी ऐश्वर्य की देवी हैं,धन की देवी हैं।हमारे सभी कार्यों को सिद्ध करने के लिए,हमारे सपनों और उम्मीदों को पंख लगाने के लिए माता लक्ष्मी की कृपा हम पर होना अति आवश्यक है।इस बार दीवाली पर एक बेहद दुर्लभ योग बन रहा है और ये योग जन साधारण को विशेष और शुभ फल देने वाला है। इस बार दीवाली 11 नवंबर को पड़ रही है और इस दिन के योग में गुरू और राहु के साथ रहते हुए सौभाग्य, बुधादित्य और धाता योग बनेगा।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माने तो इस योग में माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन-संपति की वृद्धि होगी इतना ही नहीं आपको व्यापार में भी सफलता मिलेगी।
ज्योतिषविद् पं शिव कुमार शुक्ल के अनुसार वर्तमान समय में गुरु, सिंह राशि और राहु, कन्या राशि में भ्रमण कर रहे हैं। दीवाली पर विशाखा नक्षत्र में इन दोनों के साथ सौभाग्य, बुधादित्य और धाता योग बन रहा है। इन योगों में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
साल 1884 में बना था ऐसा योग
कहा जा रहा है कि जैसा योग इस बार बन रहा है। साल 1884 में भी वैसा ही योग बना था।इस दीवाली के बाद पून: यह योग साल 2145 में बनेगा। इस योग के कारण लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए गए काम और उपायों से सफलता मिलती है। इसके साथ दीवाली में सौभाग्य योग भी है,जिसमें लक्ष्मी कारक हैं और सौभाग्य योग में दीवाली पड़ने से यह अधिक शुभ होगी।कहते हैं कि इस अतिशुभ योग के कारण सोना, चांदी, खाद्य पदार्थ और वाहन आदि के व्यापार में तेजी आने की भी संभावना रहेगी।
मित्रों मां लक्ष्मी का प्रतीक श्रीयंत्र को माना जाता है।कहा जाता है कि श्रीयंत्र में माता लक्ष्मी का वास होता है। श्रीयंत्र को घर में रखने मात्र से धन धान्य की वृद्धि होती है। आपको बताते हैं कि दीवाली के शुभ अवसर पर हम श्रीयंत्र का खास रूप से उपयोग करें तो हमारी दीवाली और भी खास बन सकती है।मित्रों हमें स्वर्ण, रजत, ताम्र या फिर पत्थर के समतल आधार पर ही श्रीयंत्र का निर्माण करना चाहिए।साथ ही श्रीयंत्र को दीवाली के दिन अपने पूजा गृह में हमें स्थापित करना चाहिए जिससे की इसका विशेष फल प्राप्त हो सके। हमारे धर्म शास्त्रों में श्रीयंत्र का अभिषेक(स्नान कराना) श्रेष्ठ माना गया है। दीपावली की रात में श्रीसूक्त और देव्यथर्वशीर्ष का पाठ करते हुए जो साधक श्रीयंत्र का अभिषेक करते हैं, उन्हें कई प्रकार की सिद्धियां मिल जाती हैं।
श्रीयंत्र का किस प्रकार से मिलता है लाभ
हमें श्रीयंत्र का अभिषेक-
शहद से करने पर सौभाग्य
दूध से करने पर आरोग्य
पंचामृत से करने पर ऐश्वर्य
नारियल के जल से करने पर पारिवारिक मान-सम्मान
हिमजल से करने पर राजनीति में सफलता
ललिता सह्स्त्रनाम से रोली चढाने से सर्व कार्य सिद्धी
और श्रीयंत्र का निर्माण केसर, सिंदूर, गेरू, लाह, सिंगरक, सफेद चंदन और लाल चंदन से करना श्रेष्ठ माना गया है। हमें इन द्रव्यों के द्वारा भोज पत्र पर श्रीयंत्र का निर्माण करना चाहिए। और फिर श्रीयंत्र को पूजा स्थान में रखकर उसकी पंचोपचार पूजा करनी चाहिए साथ ही श्रीयंत्र पर गुलाब का पुष्प चढ़ाना चाहिए। इससे मां भगवती लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करती हैं।
हम तो यही कामना करते हैं कि इस बार दीवाली आपके जीव में हर प्रकार खुशियां और उन्नती लोकर आए,माता लक्ष्मी आपके अरमानो को पंख लगाएं।संबोधन की तरफ से आप सभी चाहने वालों को शुभ दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई।।
http://sandeepaspmishra.blogspot.in/2015/10/blog-post_2.html
To subscribe click this link –
https://www.youtube.com/channel/UCDWLdRzsReu7x0rubH8XZXg?sub_confirmation=1
If You like the video don't forget to share with others & also share your views
Google Plus : https://plus.google.com/u/0/+totalbhakti
Facebook : https://www.facebook.com/totalbhaktiportal/
Twitter : https://twitter.com/totalbhakti/
Linkedin : https://www.linkedin.com/in/totalbhakti-com-78780631/
Dailymotion - http://www.dailymotion.com/totalbhakti