संदीप कुमार मिश्र: ऐसे तो महादेव की पूजा अर्चना हमेशा ही फलदायी होती है।लेकिन भगवान शिव के पवित्र माह सावन में भोले की अपने भक्तों पर कुछ खास ही कृपा बरसती है।शिवलिंग का विविध प्रकार से अभिषेक करना,पूजा-अर्चना करना,ध्यान लगाना और व्रत रहना इस पवित्र सावन मास में बढ़ जाता है।खासतक लड़कियां सावन सोमवार का व्रत अवश्य रखती है।लेकिन क्या आप जानते हैं सावन में सोमवार का व्रत क्यों रखा जाता है,खासकर लड़कियां व्रत क्यों रहती हैं।चलिए हम आपको कुछ खास कारण बताते हैं-
1- महादेव की विशेष कृपा पाने का पवित्र माह सावन
हमारे धर्म पुराणों में ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना आदिदेव महादेव को समर्पित है।कहते हैं कि इस पवित्र माह में विधि-विधान से जो भी साधक शिव जी की पूजा करता है उसपर महादेव शिघ्र ही प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं ।
2- भोलेनाथ अतिशिघ्र प्रसन्न होने वाले देव
कहते हैं कि ‘आशु तुष्यति इति आशुतोष:’ कहने का मतलब है कि जो शीघ्र ही प्रसन्न हो जाएं उन्हें आशुतोष कहा जाता है।इसीलिए भगवान् शिव को आशुतोष कहा गया है। भगवान शिव अपने उपासकों से शिघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं।
3- श्रावण मास में भगवान शिव की होती है विशेष पूजा
श्रावण यानी सावन के माह में भगवान भोलेभंडारी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। पूजन में देवों के देव महादेव का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल, गन्ने के रस आदि से किया जाता है और फिर अभिषेक के बाद बेलपत्र, नीलकमल, ऑक मदार, जंवाफूल कनेर, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, राई फूल आदि अर्पित कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है और अंत में महादेव को धतूरा, भांग और श्रीफल आदि का भोग लगाया जाता है।
4- श्रावण माह में अति फलदायी सोमवार
धर्म शास्त्रों के अनुसार श्रावण माह में पड़ने वाले सभी सोमवार को यदि साधक व्रत रखते हैं तो उन्हें नाथों के नाथ भोलेनाथ की विशेष कृपा और फल की प्राप्ति होती है।
5- लड़कियां महादेव जैसे पति पाने के लिए रखती हैं श्रावण सोमवार का व्रत
कहते हैं कि श्रावण माह के सोमवार को ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए व्रत रखा था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जो कन्या चारों सोमवार का व्रत रखती है उन्हें महादेव जैसे पति की प्राप्ति सहज ही हो जाती है।
6- शिव का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा शुभ
श्रावण माह में शिव भक्त कावड़ में गंगा जल भरकर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।कहते हैं कि सावन माह के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक शुभ और फलदायी होता है।भगवान के प्रति भक्तों की अपार श्रद्धा ही कांवड़ यात्रा है जो भक्त और भगवान के रिश्ते को और मजबूती प्रदान करती है।
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