संदीप कुमार मिश्र: जय जय श्री राधे...अक्सर हम कृष्ण के धाम या फिर भगवान श्रीकृष्ण भक्त को कहते हुए सुन लेते हैं..प्रेम की एसी प्रगाढ़ता,ऐसी मिसाल शायद ही कहीं आप को देखने को मिले।क्योंकि राधा के बिना श्रीकृष्ण और श्रीकृष्ण के बिना राधा की कल्पना कतई संभव नहीं है।ब्रजधाम की अधिष्ठात्री देवी श्रीराधा जी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
इसलिए भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।जो कि श्रीराधाष्टमी के नाम से जाना जाता है।कहते हैं कि जो भी साधक राधा अष्टमी का व्रत नहीं रखता है, उसे जन्माष्टमी व्रत का पूर्णरुपेण फल भी प्राप्त नहीं होता।इसलिए श्रीकृष्ण के साधक श्रीराधाअष्टमी का व्रत भी अवश्य रखते हैं।
हम सब जानते हैं कि बरसाना श्रीराधाजी की जन्मस्थली है। पद्मपुराण में ऐसा वर्णित है कि श्रीराधाजी राजा वृषभानु की पुत्री है।कहते हैं कि जब राजा वृषभानु यज्ञ के लिए भूमि साफ कर रहे थे, तब भूमि कन्या के रूप में उन्हें राधाजी प्राप्त हुईं थी। श्रीराधाष्टमी पर श्रीराधा-कृष्ण की संयुक्त रूप से साधक को पूजा करनी चाहिए।
जो भी भगवान श्रीकृष्ण का भक्त,प्रेमी,साधक श्रद्धा से श्रीराधाअष्टमी का व्रत रखता है उसपर श्री राधाजी की कृपा सदैव बनी रहती है और उसके घर में सदैव लक्ष्मी जी का वास होता है। राधा अष्टमी के दिन ही महालक्ष्मी व्रत भी आरंभ होता है।कहा जाता है कि जो पूरे वर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी का व्रत रखता है, उसके जीवन में कभी धन-संपदा,यश-किर्ति की कमी नहीं होती। आपको बता दें कि श्रीराधा जी के पूजन के लिए मध्याह्न का समय सबसे उपयुक्त बताया गया है।हम तो कामना करते हैं कि श्रीराधा रानी की कृपा की सदैव आप पर बनी रहे और आपका घर परिवार सदैव खुशियों से भरा रहे।।जय श्री राधे।।
http://sandeepaspmishra.blogspot.com/
To subscribe click this link –
https://www.youtube.com/c/TotalBhaktiVideo?sub_confirmation=1
If You like the video don't forget to share with others & also share your views
Google Plus : https://plus.google.com/u/0/+totalbhakti
Facebook : https://www.facebook.com/totalbhakti/
Twitter : https://twitter.com/totalbhakti/
Linkedin : https://www.linkedin.com/in/totalbhakti/