संदीप कुमार मिश्र: धनतेरस यानी धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था और इसीलिए इस दिन को धन तेरस के रूप में पूजा जाता है। दीपावली के दो दिन पहले आने वाले इस त्योहार को लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी जरूर की जाती है. इस बार धनतेरस 5 नवंबर को है.
धनतेरस 2018 का मुहूर्त-
धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 6.05 बजे से 8.01 बजे
अवधि- 1 घंटा 55 मिनट
प्रदोष काल- 5.29 PM से 8.07 PM
वृषभ काल- 6:05 PM से 8:01 PM
त्रयोदशी तिथि आरंभ- 5 नवंबर, 01:24 AM
त्रयोदशी तिथि खत्म- 5 नवंबर, 11.46 PM
जानिए क्यों भगवान धनवंतरी के पूजन का इतना महत्व?
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है. धन और वैभव देने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है.
भगवान धनवंतरी को अतिप्रिय है पीतल
भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं. दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश लिए हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है.
धनतेरस पर करें खरीदारी
कहते हैं कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है. लेकिन अगर भगवान की प्रिय वस्तु पीतल की खरीदारी की जाए तो इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है.
हम कामना करते हैं कि इस धनतेरस आप पर भगवान धनवंतरी कृपा बनी रहे और माता लक्ष्मी आपका घर सुख संपदा से भरा रखें।शुभ धनतेरस
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