डेंगू बुखार को ब्रेकबोन बुखार भी कहा जाता है। यह बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है जो कुछ विशेष स्पीशीज (species) के मच्छरों जैसे एडीज (Aedes) मच्छर के मुँह में पाए जाते हैं। यह बीमारी दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है।
डेंगू वायरस मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं। इनमें से एक प्रकार के डेंगू वायरस से लड़ने के लिए हमारे शरीर में पहले से इम्युनिटी होती है, जो इसे फैलने से पहले ही खत्म कर देती है। लेकिन अन्य चार प्रकार के वायरस से लड़ने के लिए शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है। कुछ डेंगू बुखार में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु होने का खतरा भी रहता है।
डेंगू के शुरुआती संकेत और लक्षण
डेंगू बुखार एडीज (Aedes) मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं।
डेंगू के सबसे मुख्य लक्षण निम्न हैं – उच्च बुखार (40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर), तेज सिरदर्द, गर्दन की लिम्फ ग्लांड्स में सूजन होना, मांशपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, स्किन पर छोटे-छोटे चकत्ते पड़ना और जी मिचलाना। साथ ही, नाक और मसूड़ों में थोड़ा खून भी आ सकता है।
यदि समय रहते इस इन्फेक्शन को कंट्रोल न किया जाये तो यह जानलेवा रक्तस्त्रावी डेंगू बुखार (hemorrhagic fever) का रूप ले सकता है। जिन व्यक्तिओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या जिन व्यक्तियों को यह इन्फेक्शन एक से ज्यादा बार हो चुका है उन्हें यह समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है।
रक्तस्त्रावी डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षण निम्न हैं – नाक से अत्यधिक रक्त आना, पेट में दर्द होना, अत्यधिक उल्टी होना, ब्लड में प्लेटलेट कम होना, ब्लड प्लाज्मा लीकेज, सांस लेने में परेशानी, ब्लड प्रेशर तेजी से कम होना और फेफड़ों, लिवर और हार्ट में परेशानी होना।
व्यावसायिक रूप से डेंगू की कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसकी रोकथाम किसी भी उपाय या उपचार से बेहतर है।
यदि आपको अपने शरीर में कोई भी डेंगू के शुरुआती लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, बुखार होने पर आराम करें, तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें और बुखार कम करने तरीकों को अपनाएं।
डेंगू बुखार से बचे रहने के उपाय
1. पानी को एक जगह जमा न होने दें
जमे पानी में मच्छर तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हैं, इसलिए अपने घर आसपास पानी जमा न होने दें। खाली बर्तन, गमलों, डस्टबिन, कैन, कंटेनर आदि को अपने घर की छत पर या खुले असमान में न रखें, ताकि बरसात के समय इनमें पानी जमा न हो।
यहाँ तक कि पशुयों को पानी पिलाने या नहलाने वाले बर्तनों में भी मच्छर पनप सकते हैं। इसलिए इन्हें रोज साफ करके पानी बदलें।
पुराने सामान जिनमें बरसात का पानी जमा होने की सम्भावना हो जैसे टायर, ट्यूब आदि को घर से दूर फेंक दें या जला दें। साथ ही, अपने घर के गटर की भी नियमित रूप से सफाई करवाते रहें।
2. मच्छर मारने वाली कारगर दवाओं का उपयोग करें
अपने घर के आसपास के मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए और उन्हें अपने आप से दूर रखने के लिए मच्छरमार दवाओं का उपयोग करें। आजकल बाजार में कई कारगर दवाएं मौजूद हैं जिनको शरीर पर लगाकर, जलाकर या इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में लगाकर मच्छरों से बचा जा सकता है।
मच्छरों को दूर रखने वाली किसी अच्छी दवा को अपनी खुली स्किन पर लगायें। ऐसा शाम को 6 बजे से पहले करें क्योंकि शाम के समय मच्छर सबसे ज्यादा होते हैं। छोटे बच्चों में यह दावा सावधानी से लगायें क्योंकि यह जहरीली होती हैं। 2 महीने से छोटे बच्चों में इन दवाओं का उपयोग न करें।
मच्छर भगाने के लिए आप घर पर मौजूद कुछ पदार्थों को भी अपनी स्किन पर लगा सकते हैं, जैसे नींबू, नींबू की पत्ती, नीम, लैवेंडर, पुदीना आदि।
बाजार में मच्छर भगाने वाले कई हाई टेक गैजेट्स भी उपलब्ध हैं, जैसे मोरटीन, मैक्सो आदि। इसमें लिक्विड इंसेक्टिसाइड मौजूद होता है जो मछरों को मारता है।
इनके अलावा बाजार में कई और मच्छर मारने वाले गैजेट्स आते हैं जैसे रैकेट किलर और अल्ट्रासाउंड मॉस्क्यूटो किलर।
3. घर की खिड़किओं में जाली लगवा लें
डेंगू बुखार की सम्भावना को कम करने क्व लिए अपने घर की खिड़किओं में जाली लगवा लें, ताकि मच्छर अंदर न आ सकें। खिड़किओं के अलावा दरवाजे को भी ज्यादा से ज्यादा बंद रखें। साथ ही, यदि घर में कोई सुराख हो जिसके जरिये मच्छर अन्दर सकते हैं, उसकी मरम्मत करा लें।
यदि संभव हो तो घर में AC लगवा लें। मच्छर अधिक ठंडे वातावरण में जीवित नहीं रह पाते।
यदि आप AC नहीं लगवा सकते, तो अपने बेड पर मच्छरदानी बांध कर सोयें।
4. सुरक्षात्मक कपड़े पहनें
कभी-कभी साधारण कपड़े भी डेंगू मच्छर के काटने से बचा सकते हैं। अपने शरीर के अंगों को जितना हो सके उतना ढीले कपड़ों से ढकें। फुल बाजू वाली शर्ट या टीशर्ट और फुल पेंट पहनें। आप अपने कपड़ों में मच्छर भगाने वाली दवा भी स्प्रे कर सकते हैं
डेंगू बुखार के लक्षण और बचने के 10 बेस्ट उपाय
डेंगू बुखार को ब्रेकबोन बुखार भी कहा जाता है। यह बीमारी डेंगू वायरस के कारण होती है जो कुछ विशेष स्पीशीज (species) के मच्छरों जैसे एडीज (Aedes) मच्छर के मुँह में पाए जाते हैं। यह बीमारी दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा पाई जाती है।
डेंगू वायरस मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं। इनमें से एक प्रकार के डेंगू वायरस से लड़ने के लिए हमारे शरीर में पहले से इम्युनिटी होती है, जो इसे फैलने से पहले ही खत्म कर देती है। लेकिन अन्य चार प्रकार के वायरस से लड़ने के लिए शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है। कुछ डेंगू बुखार में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु होने का खतरा भी रहता है।
डेंगू के शुरुआती संकेत और लक्षण
डेंगू बुखार एडीज (Aedes) मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं।
डेंगू के सबसे मुख्य लक्षण निम्न हैं – उच्च बुखार (40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर), तेज सिरदर्द, गर्दन की लिम्फ ग्लांड्स में सूजन होना, मांशपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, स्किन पर छोटे-छोटे चकत्ते पड़ना और जी मिचलाना। साथ ही, नाक और मसूड़ों में थोड़ा खून भी आ सकता है।
यदि समय रहते इस इन्फेक्शन को कंट्रोल न किया जाये तो यह जानलेवा रक्तस्त्रावी डेंगू बुखार (hemorrhagic fever) का रूप ले सकता है। जिन व्यक्तिओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या जिन व्यक्तियों को यह इन्फेक्शन एक से ज्यादा बार हो चुका है उन्हें यह समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है।
रक्तस्त्रावी डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षण निम्न हैं – नाक से अत्यधिक रक्त आना, पेट में दर्द होना, अत्यधिक उल्टी होना, ब्लड में प्लेटलेट कम होना, ब्लड प्लाज्मा लीकेज, सांस लेने में परेशानी, ब्लड प्रेशर तेजी से कम होना और फेफड़ों, लिवर और हार्ट में परेशानी होना।
व्यावसायिक रूप से डेंगू की कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसकी रोकथाम किसी भी उपाय या उपचार से बेहतर है।
यदि आपको अपने शरीर में कोई भी डेंगू के शुरुआती लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, बुखार होने पर आराम करें, तरल पदार्थों का ज्यादा सेवन करें और बुखार कम करने तरीकों को अपनाएं।
डेंगू बुखार से बचे रहने के उपाय
1. पानी को एक जगह जमा न होने दें
जमे पानी में मच्छर तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हैं, इसलिए अपने घर आसपास पानी जमा न होने दें। खाली बर्तन, गमलों, डस्टबिन, कैन, कंटेनर आदि को अपने घर की छत पर या खुले असमान में न रखें, ताकि बरसात के समय इनमें पानी जमा न हो।
यहाँ तक कि पशुयों को पानी पिलाने या नहलाने वाले बर्तनों में भी मच्छर पनप सकते हैं। इसलिए इन्हें रोज साफ करके पानी बदलें।
पुराने सामान जिनमें बरसात का पानी जमा होने की सम्भावना हो जैसे टायर, ट्यूब आदि को घर से दूर फेंक दें या जला दें। साथ ही, अपने घर के गटर की भी नियमित रूप से सफाई करवाते रहें।
2. मच्छर मारने वाली कारगर दवाओं का उपयोग करें
अपने घर के आसपास के मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए और उन्हें अपने आप से दूर रखने के लिए मच्छरमार दवाओं का उपयोग करें। आजकल बाजार में कई कारगर दवाएं मौजूद हैं जिनको शरीर पर लगाकर, जलाकर या इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में लगाकर मच्छरों से बचा जा सकता है।
मच्छरों को दूर रखने वाली किसी अच्छी दवा को अपनी खुली स्किन पर लगायें। ऐसा शाम को 6 बजे से पहले करें क्योंकि शाम के समय मच्छर सबसे ज्यादा होते हैं। छोटे बच्चों में यह दावा सावधानी से लगायें क्योंकि यह जहरीली होती हैं। 2 महीने से छोटे बच्चों में इन दवाओं का उपयोग न करें।
मच्छर भगाने के लिए आप घर पर मौजूद कुछ पदार्थों को भी अपनी स्किन पर लगा सकते हैं, जैसे नींबू, नींबू की पत्ती, नीम, लैवेंडर, पुदीना आदि।
बाजार में मच्छर भगाने वाले कई हाई टेक गैजेट्स भी उपलब्ध हैं, जैसे मोरटीन, मैक्सो आदि। इसमें लिक्विड इंसेक्टिसाइड मौजूद होता है जो मछरों को मारता है।
इनके अलावा बाजार में कई और मच्छर मारने वाले गैजेट्स आते हैं जैसे रैकेट किलर और अल्ट्रासाउंड मॉस्क्यूटो किलर।
3. घर की खिड़किओं में जाली लगवा लें
डेंगू बुखार की सम्भावना को कम करने क्व लिए अपने घर की खिड़किओं में जाली लगवा लें, ताकि मच्छर अंदर न आ सकें। खिड़किओं के अलावा दरवाजे को भी ज्यादा से ज्यादा बंद रखें। साथ ही, यदि घर में कोई सुराख हो जिसके जरिये मच्छर अन्दर सकते हैं, उसकी मरम्मत करा लें।
यदि संभव हो तो घर में AC लगवा लें। मच्छर अधिक ठंडे वातावरण में जीवित नहीं रह पाते।
यदि आप AC नहीं लगवा सकते, तो अपने बेड पर मच्छरदानी बांध कर सोयें।
4. सुरक्षात्मक कपड़े पहनें
कभी-कभी साधारण कपड़े भी डेंगू मच्छर के काटने से बचा सकते हैं। अपने शरीर के अंगों को जितना हो सके उतना ढीले कपड़ों से ढकें। फुल बाजू वाली शर्ट या टीशर्ट और फुल पेंट पहनें। आप अपने कपड़ों में मच्छर भगाने वाली दवा भी स्प्रे कर सकते हैं।
हल्के रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि डार्क रंग जैसे काले और नीले रंग की तरफ मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं (इंसेक्ट्स और बग्स डार्क रंग को आसानी से देख लेते हैं)।
पैरों को मच्छरों से बचने के लिए सैंडल की जगह जूते और मोजे पहनें।
5. अपने स्विमिंग पूल में गप्पी मछली (Guppy Fish) को पालें
स्विमिंग पूल में मच्छरों को पनपने से रोकना काफी मुश्किल है, खासतौर से तब जब आप इसे ढक नहीं सकते। इसका सबसे कारगर उपाय है पूल गप्पी मछलिओं को डालना।
गप्पी एक फ्रेश वाटर मछली होती है जो मच्छरों के लार्वा और अंडों को खाती है। इसलिए यह मच्छरों की जनसंख्या को कम करने में मददगार होती है। यह मछली बाजार में आसानी से मिल जाती है।
6. सवेरे और शाम के समय बाहर के काम न करें
डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छर रात की जगह दिन में ज्यादा सक्रिय होते हैं। साथ ही, यह सुबह और शाम के समय ज्यादा काटते हैं। इसलिए सुबह और शाम के समय घर से बाहर न निकलें।
यदि आप दोपहर को सोते हैं तो मच्छरदानी लगाकर सोयें। छोटे बच्चों को हमेशा मच्छरदानी में ही सुलाएं, क्योंकि उनमें इम्युनिटी कम होने के कारण डेंगू होने की संभावना ज्यादा होती है।
छोटे बच्चों को बाहर खेलने जाने से पहले पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहनाएं और मच्छर भगाने वाला लोशन लगायें।
7. यात्रा करते समय अतिरिक्त ध्यान रखें
यात्रा करते समय, खासतौर से तब जब आप डेंगू प्रभावित क्षेत्रों से गुजर रहे हों तो अपनेआप को मच्छरों के काटने से बचाने के लिए अतिरिक्त उपाय करें।
आप होटल या रिसोर्ट, जहाँ भी ठहरे हों उसके कमरे में AC लगा हो। आपके कमरे के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद होनी चाहिए, या उनमें मच्छरों को रोकने वाली जाली लगी होनी चाहिए।
यदि आपके कमरे में AC नहीं है, तो मच्छरदानी और मच्छरमार डिवाइस का उपयोग करें।
अपनी खुली स्किन और कपड़ों पर मच्छर भगाने वाली दवा का स्प्रे करें।
यात्रा करते समय फुल कपड़े पहनें।
8. डेंगू बुखार की रोकधाम और उपचार के लिए तुलसी के पत्तियों का इस्तेमाल करें
जब भी आपको डेंगू बुखार होने की सम्भावना हो तो तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल करें। तुलसी में इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो हमें बीमार पड़ने से बचाते हैं।
यदि आपको हाई फीवर है, सबसे पहले डॉक्टर से जाँच कराएँ। इस दौरान अपने बुखार पर काबू पाने के लिए आप तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दो कप पानी में एक मुट्ठी तुलसी डालकर हलकी आंच में 20 मिनट के लिए गर्म करें। अब इसे छान लें और ठंडा होने पर पी लें। ऐसा दिन में दो बार करें।
आप तुलसी की पत्तियों को चबाकर भी खा सकते हैं। ऐसा करने से भी आपके शरीर का उच्च तापमान कम करने में मदद मिलेगी।
9. हाइड्रेटेड रहें
शरीर में भरपूर पानी होने से बीमारियाँ होने की संभावना कम होती है। साथ ही, रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए पानी बहुत जरूरी होता है, इसलिए शरीर हाइड्रेटेड होने से रक्त में प्लेटलेट्स की कमी नहीं आती। डेंगू बुखार होने पर रक्त में प्लेटलेट्स की कमी होना सबसे मुख्य लक्षणों में से एक है।
रोज पर्याप्त मात्रा में फिल्टर वाटर (शुद्ध किआ हुए पानी) का सेवन करें। इससे आपकी बॉडी हाइड्रेटेड रहेगी और प्लेटलेट्स की संख्या नार्मल रहेगी।
पानी के आलावा अन्य तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी, संतरे का जूस, सूप और सब्जिओं के जूस का सेवन करें।
नोट – यदि आपको कोई किडनी प्रॉब्लम जैसे पथरी आदि है तो किसी भी तरल पदार्थ का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
10. प्राकृतिक एंटीवायरल फूड्स खाएं
अपने खानपान में बदलाव लाकर भी कुछ वायरल कंडीशन्स का इलाज किया जा सकता है। वो खाद्य पदार्थ जिनमें भरपूर मात्रा में एंटीवायरल प्रॉपर्टीज होती हैं वो आपके शरीर को कई इन्फेक्शन्स से बचाती हैं।
आम रसोई सामग्री जैसे अदरक और लहसुन को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
एंटीवायरल प्रॉपर्टीज से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थ जैसे नींबू बाम, मुलैठी, स्वर्णधान्य, जैतून की पत्ती और अजवायन की पत्ती इ अपने भोजन में शामिल करें।
रोज दिन में दो बार ग्रीन टी का सेवन करें।