Dharm Desk/Makar Sankranti 2021: सूर्य के उत्तरायण का महापर्व मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान भी किया जाता है। इस पर्व पर स्नान -दान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर तिल का दान औऱ गर्म कपड़ों, अन्न आदि का दान किया जाता है। इस दिन लोग दही चूड़ा, खिचड़ी, तिल गुड़ आदि खाते हैं। मकर संक्रांति पर राशि के अनुसार दान करना चाहिए।
मकर संक्रांति के जिन दान कैसे करें :
मकर संक्रांति पर प्रातःकाल स्नान करें इसके बाद सूर्य को जल दें। अब दान की वस्तुएं 5, 7 और 11, 21, 51, 101 जैसी शुभ अंक में रखें। मकर संक्रांति पर 14 चीजों का अंक भी बहुत अच्छा माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। मकर संक्रांति पर अन्न का, घी का और वस्त्र का दान करें। चावल, दाल, सब्जी, नमक और घी यानि खिचड़ी का दान सर्वोत्तम होता है। सूर्य के उत्तरायण होते ही सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है।
भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए सूर्य के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ मित्राय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगय नम:
ॐ पुष्णे नम:
ॐ मारिचाये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सावित्रे नम:
ॐ आर्काय नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
सूर्य के उत्तरायण होते ही देवताओं का दिन व असुरों की रात्रि शुरू हो जाती है। इसीलिए उत्तरायण के पहले दिन मनाया जाने वाला मकर संक्रांति पर्व एक नई शुरुआत, नई गति का प्रतीक है। यह तेज, तप व वैराग्य का पर्व है। यह मन के अशुद्ध विचारों को त्याग कर पावन हो जाने का पर्व है।