Pradosh Vrat 2021: सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा विशेष है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत को करने से हमारे जीवन से हर प्रकार का दोष मिट जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिर्विदों के अनुसार, पूजा के बाद अंत में प्रदोष व्रत लाभ और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की आरती जरूर करनी चाहिए। फरवरी 2021 का आखिरी प्रदोष व्रत 24 फरवरी 2021 यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त-
माघ, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारम्भ – 06:05 pm , फरवरी 24
समाप्त – 05:18 pm, फरवरी 25
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दिन आदिदेव महादेव भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है। माना जाता है इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों परग शिव जी की विशेष कृपा होती है और व्यक्ति के सभी दुख और कष्ट खत्म हो जाते हैं। प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने से इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है।
प्रदोष व्रत पूजन विधि
पूजन विधि की बात करें तो प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें। पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें। धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं। इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।