Dharm Desk/tbc: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। यही कारण है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्रती सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को जाता है। हर माह दो एकादशी तिथि आती हैं। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन शिव योग के साथ सिद्धि योग भी बन रहा है। शिव योग 21 जून को शाम 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग लग जाएगा।
एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - जून 20, 2021 को 04:21 पी एम
एकादशी तिथि समाप्त - जून 21, 2021 को 01:31 पी एम
पारण (व्रत पारण) समय - 22 जून को, 05:24 ए एम से 08:12 ए एम
सिद्धि योग का महत्व-
ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ माना जाता है। यह योग ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग से बनता है। यह योग सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।
शिव योग का महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव का अर्थ शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे बेहद शुभ योग में गिना जाता है। इस दौरान किए गए कार्यों में शुभ परिणाम प्राप्त होने की मान्यता है।
एकादशी व्रत नियम-
निर्जला एकादशी व्रत में जल का त्याग करना होता है। इस व्रत में व्रती पानी का सेवन नहीं कर सकता है। व्रत का पारण करने के बाद ही व्रती जल का सेवन कर सकता है।
एकादशी पूजा विधि-
प्रात: जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान श्रीहरि विष्णु जी के भोग में तुलसी जी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
निर्जला एकादशी महत्व
इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।निर्जला एकादशी का व्रत रखने से सालभर की एकादशी व्रत का फल मिल जाता है।
।।आप सभी को निर्जला एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई।।