Dharm Desk//tbc: ऊँ नम: शिवाय। शिवलिंग भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती) का आदि-अनादि एकल रूप है शिवलिंग मात्र की पूजा करने से ही पार्वती−परमेश्वर दोनों की पूजा हो जाती है। पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि लिंग के मूल में ब्रह्मा मध्य देश में त्रैलोक्यनाथ विष्णु और ऊपर प्राणस्वरूप महादेव स्थित हैं। वेदी महादेवी हैं और लिंग महादेव...
शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी। विश्वकर्मा ने अलग-अलग पदार्थो, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए। जैसे-
इन धातुओं एवं रत्नो से विश्वकर्मा जी ने बनाए शिवलिंग
पारद, मिश्री, जौं चावल, भस्म, गुड़, फल फूल, स्वर्ण रजत, बिबर मिट्टी, दही, मक्खन, हीरे, मोती, मणि, मूंगा, नाग, पार्थिव, तांबा, इंद्रनील, पुखराज, पद्मराग, पीतल, लहसुनिया, रत्न, चंदन, स्फटिक
आदि से शिवलिंग बनाए गए।
सभी शिवलिंग के नाम भी अलग-अलग दिए गए और सभी का प्रभाव भी अलग-अलग बताया गया। शिवलिंग बनाने के बाद सभी की श्रेणियां भी रखी गई। जैसे,
शिवलिंग की श्रेणी
देवलिंग, असुरलिंग, अर्शलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग, स्वयंभूलिंग
ऐसे में चलिए जानते हैं कि जौं और चावल से बने शिवलिंग की पूजा करने के क्या लाभ मिलता हैं।
जौ, गेहूं और चावल से बने शिवलिंग:
1. इस शिवलिंग का पूजन पारिवारिक समृद्धि के लिए होता हैं।
2. जो दम्पति संतानसुख से वंचित हैं उन्हें इस शिवलिंग की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
3. इस शिवलिंग की पूजा करने से दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होती है। पति-पत्नी के बीच के मनमुटाव भी समाप्त हो जाते हैं।
4. इससे घर में सुख और शांति बनी रहती है।
5. इसे घर में धन और समृद्धि बनी रहती है।
जौं, गेहूं, चावल तीनों का एक समान भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं।
इस प्रकार के पदार्थों से बने शिवलिंग को यवगोधूमशालिजलिंग कहते हैं, जिसे श्रीपुष्टि और पुत्रलाभ के लिए पूजा दाता हैं। इस तरह से बने शिवलिंग की कम से कम 11 सोमवार को या श्रावण सोमवार में सभी दिन पूजा करने से अवश्य ही पुत्रलाभ प्राप्त होता है।ऐसे हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित है।
महादेव बड़े दयालू हैं और जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।आप भी मनोवांछित फल पाने के लिए आदिदेव महादेव की श्रद्धा भाव के साथ पूजा एवं आराधना करें आपके जीवन में सुख शांति और सम्पन्नता बनी रहेगी।ऊँ नम: शिवाय।।