Dharm Desk/tbc/Ganesh Chaturthi2021: सनातन धर्म संस्कृति की संवाहक देश भारत।जहां प्रत्येक माह तीज-उत्सव आते हैं जिन्हे बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन्हीं त्योहारों से हममे उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ऋद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना का पवित्र दिन गणेश चतुर्थी।जिसकी धूम पूरे देश भर में सहज ही देखने को मिल जाती है।आपको बता दें कि साल में कुल 24 गणेश चतुर्थी आती हैं। यानी कि महीने में 2 बार गणेश चतुर्थी का आगमन होता है। इनमें से पूर्णमासी के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। वहीं अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।चलिए बप्पा की पूजा आराधना में आज जानते हैं कि साधक को क्या नहीं अर्पित करना चाहिए-
ऋद्धि सिद्धि के दाता को सफेद जनेऊ और वस्त्र न करें अर्पित
ऋद्धि सिद्धि के दाता श्री गणेश जी को कभी भी सफेद वस्त्र अर्पित नहीं करने चाहिए।साथ ही उन्हें सफेद जनेऊ भी नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके बजाय जनेऊ को हल्दी में पीला करके गणेश जी को चढ़ाएं। पीला रंग गणेश जी को प्रिय होता है।ऐसा करने से भगवान श्रीगणेश प्रसन्न हो जाते हैं।
खंडित और सूखे चावल बप्पा को न चढ़ाएं
हम सब जानते हैं कि भगवान श्री गणेश जी का एक दांत टूटा हुआ है। इसलिए गीले चावल ग्रहण करना उनके लिए सहज होता है। इसलिए आप गणेशजी को चावल अर्पित करें तो ध्यान रखें कि वह टूटे हुए और सूखे न हों।
गजानन को पीले रंग के चंदन करें अर्पण
भगवान गणेश को पीला रंग बहुत प्रिय है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए सफेद चंदन के बजाए पीला चंदन अर्पित करें या फिर पीला चंदन लगाएं। भगवान गणेश को तिलक लगाने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
केतकी के सफेद फूल हैं अप्रिय
लंबोदर भगवान श्रीगणेश जी को सफेद रंग और सूखे फूल अर्पित करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करना परिवार में दरिद्रता लाता है। श्रीगणेश जी को केतकी के फूल भी अर्पित नहीं किए जाते हैं। इस फूल का संबंध चंद्रमा से माना जाता है। चंद्रमा ने एक समय पर गणेशजी का उपहास किया था। जिसके बाद गणेशजी ने उन्हें शाप दे दिया था और उनसे संबंधित सफेद चीजों को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया था।
भगवान श्री गणेश जी पर न चढ़ाएं तुलसी
भगवान गणेश की वंदना,पूजन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि भूलकर भी उन्हें तुलसी के पत्ते अर्पित न करें। तुलसी को माता लक्ष्मी का पर्याय माना जाता है और वह भगवान विष्णु की बहुत प्रिया हैं। इसलिए उन्हें तुलसी के बजाय मोदक जैसी चीज अर्पित करें, जिसे पाकर वे प्रसन्न हो जाते हैं।