Dharm Desk/tbc/ Surya rashi Parivartan 2022: सूर्य हर साल मकर संक्रांति के दिन मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर राशि में सूर्य देव 15 जनवरी की सुबह से 13 फ़रवरी 2022 तक शनि देव के साथ रहेंगे। इसलिए इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी दिन शनिवार को दिन में 12 बजकर 34 मिनट तक माना जाएगा। सूर्य का यह राशि परिवर्तन मेष से कर्क राशि और धनु, कुंभ और मीन के लिए बहुत ही शुभ फल देने वाला है। इन राशियों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। इन राशियों को धन लाभ के संकेत मिल रहे हैं। जानें सूर्य के मकर राशि में गोचरीय संचरण का सभी लग्नों/राशियों पर निम्न असर पड़ेगा।
मेष से मीन लग्न तक
मेष :- पंचम के कारक होकर राज्य भाव में। परिश्रम में वृद्धि, सम्मान में सकारात्मक वृद्धि । पिता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि।सरकारी लाभ एवं यश कीर्ति में वृद्धि।अध्ययन अध्यापन में रुचि।संतान पक्ष से सुसमाचार।बौधिकता के आधार पर नया कार्यो
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।
वृष :- सुख के कारक होकर नवम भाव में। सुख के साधनों में वृद्धि। पुरानी पेट की समस्या कम होगी। वाणी व्यवसाय से जुड़े कार्यों में प्रगति। पारिवारिक कार्यो में सकारात्मक वृद्धि। गृह एवं वाहन सुख पर खर्च।माता के स्वास्थ्य एवं सम्बन्धो में सुधार।
उपाय :- सूर्य देव को नियमित जल चढ़ाते रहें।
मिथुन :- पराक्रम के कारक होकर अष्टम भाव में। पराक्रम में अचानक कमी।आक्रामकता एवं वाणी के सकारात्मकता में कमी।सरकारी लाभ एवं कार्यो में शिथिलता।दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंध में सुधार साझेदारी से लाभ में वृद्धि।कार्य स्थल पर परिश्रम के प्रतिफल में संघर्ष
उपाय :- लाल रोली रविवार को सूर्य देव को चढ़ाते रहे।
कर्क :- धन के कारक होकर सप्तम भाव में। रोग कर्ज एवं शत्रुओं पर विजय,धनागम।प्रतियोगिता एवं सरकारी लाभ में सकारात्मकता।पारिवारिक कार्यो को लेकर तनाव के साथ प्रगति।दाम्पत्य व प्रेम को लेकर तनाव या कष्ट संभव।साझेदारी से लाभ, घर मे नया कार्य भी सम्भव।व्यापारिक गतिविधियों में प्रगति एवं परिवर्तन।
उपाय :- पिता की सेवा करें। उनके आदेश का पालन करें।
सिंह :- लग्न के कारक होकर षष्ट भाव में।मनोबल के उच्चता में कमी होगा,कार्य क्षमता में कमी , व्यक्तित्व में ह्रास।पिता के स्वास्थ्य की चिन्ता, विरोधी परास्त होंगे।स्वास्थ्य खर्च एवं यात्रा खर्च में वृद्धि सम्भव।प्रतियोगिता में विजय, कर्ज से मुक्ति सम्भव।अध्ययन अध्यापन में अरुचि बढ़ेगी।
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।
कन्या :- व्यय के कारक होकर पंचम भाव में।संतान एवं पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता।अध्ययन, अध्यापन में रुचि सम्भव।आय के साधनों को लेकर तनाव सम्भव।डिग्री ,पढ़ाई को लेकर खर्च की संभावना बनेगी।मनोबल में थोड़ा तनाव हो सकता है।पैतृक जमीन जायदाद को लेकर तनाव।
उपाय :- सूर्य को नियमित जल रोली डालकर देते रहे।
तुला :- लाभ के कारक होकर सुख भाव में।सुख एवं सुख के संसाधनों में वृद्धि।पद, प्रतिष्ठा एवं सम्मान में वृद्धि।माता के स्वास्थ्य को लेकर मानसिक तनाव।लाभ में वृद्धि एवं व्यापारिक विस्तार के संयोग।भाई बंधुओं मित्रो के सहयोग में वृद्धि।प्रभुत्व एवं सरकारी लाभ में वृद्धि।
उपाय :- सूर्य को जल देते रहे एवं पिता का सम्मान करें।
वृश्चिक :- राज्य के कारक होकर पराक्रम भाव में।पराक्रम, यश, कीर्ति व धन में वृद्धि।भाई बंधुओं मित्रो का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा।सरकारी कार्यो एवं कार्यस्थल पर सम्मान में वृद्धि।राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ।सकारात्मक कार्यो में भाग्य के साथ।नौकरी, व्यवसाय, सम्मान एवं परिश्रम में वृद्धि।
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।
धनु :- भाग्य के कारक होकर धन भाव में।भाग्य में वृद्धि, कार्यो में प्रगति, वाणी में तीव्रता।धनागम एवं धनागम के स्रोतों में वृद्धि।पारिवारिक कार्यो में सकारात्मक प्रगति.आक्रामकता, व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि।पेट व पेशाब संबंधित समस्याओं में थोड़ी वृद्धि।वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ सम्भव।
उपाय :- मूल कुण्डली के अनुसार माणिक्य धारण करें।
मकर :- अष्टम के कारक होकर लग्न भाव में।मानसिक चिन्ता एवं मानसिक संघर्ष में वृद्धि।दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों को लेकर चिन्ता।साझेदारी से जुड़े कार्यों में वृद्धि सम्भव।सरकारी व्यक्ति या कार्यो को लेकर तनाव हो।नए कार्यो को लेकर उलझन या देरी संभव।सिर में दर्द, निर्णय क्षमता में कमी।
उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चन्दन श्री राम मंदिर में रविवार को चढ़ाते रहे।
कुम्भ :- सप्तम के कारक होकर व्यय भाव में।आय एवं लाभ के संसाधनों में वृद्धि।व्यापारिक गतिविधियों को लेकर खर्च वृद्धि।नयी साझेदारी, नये व्यापारिक संबंध से बचें।रोग ,ऋण एवं शत्रु पर विजय की स्थिति।दाम्पत्य व प्रेम संबंधों को लेकर खर्च की स्थिति।आँखों को लेकर सतर्क रहें।
उपाय :- सूर्य देव की नियमित जल देते रहें।
मीन :- षष्ट के कारक होकर लाभ भाव में।लाभ एवं आय के साधनों में वृद्धि।संतान के स्वास्थ्य एवं प्रगति को लेकर चिंता।अध्ययन, अध्यापन में अवरोध या अरुचि।राजनैतिक लाभ एवं वर्चस्व को लेकर चिंता। व्यापारिक कार्यो में अचानक अड़चन।जमीन जायदाद को लेकर भी तनाव सम्भव।
उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चंदन रविवार के दिन श्रीराम मंदिर में नियमित दान करते रहें।