Dharm Desk/tbc/ Ram Navami 2022: सत्य सनातन हिंदू धर्म में श्रीराम नवमी का पावन पवित्र बेहद खास,शुभ और भलदायी है। हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ देश भर में मनाया जाता है। नव संवत्सर 2079 यानी अप्रैल माह में पड़ने वाली श्रीराम नवमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिर्विदों के अनुसार, राम नवमी के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है। इन तीन योगों के कारण इस दिन का महत्व और विशेष हो जाता है।
श्रीराम नवमी के दिन मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता, मां दुर्गा व श्रीहनुमंतलाल जी महाराज की पूजा अर्चना की जाती है। आज के दिन ही श्रीरामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन भी होगा।
ऐसे में आईए जानते हैं शुभ मुहूर्त, महत्व और खास बातें-
राम नवमी 2022 शुभ मुहूर्त-
चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि प्रारंभ- 10 अप्रैल, रविवार को देर रात 01 बजकर 22 मिनट पर
समापन- 11 अप्रैल, सोमवार को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर
श्रीराम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त- 10 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक
प्रभु श्रीराम की पूजा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक ।
श्रीराम नवमी का महत्व-
जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु ने नवमी के दिन ही भगवान श्रीराम के रूप में इस धराधाम से राक्षसों और असुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए लिया था। परिणामस्वरुप दशानन राक्षणराज रावण का वध किया।
कैसे है इस बार की श्रीरामनवमी अतिविशेष
इस वर्ष श्रीरामनवमी का उत्सव जयंती योग में मनाया जाएगा। दिनांक 10 अप्रैल 2022 दिन रविवार को पुष्य नक्षत्र है जो भगवान राम की कुंडली में भी था। कर्क के चंद्रमा अपनी राशि के बहुत उत्तम स्थिति में हैं। सुकर्मा योग धन-धान्य की पूर्णता देने वाला है। इसलिए यह पर्व इस वर्ष अति उत्तम ग्रह स्थिति में बन रहा है। रामनवमी का उत्सव एवं पूजन का सबसे उत्तम मुहुर्त अभिजीत मुहूर्त है। यह जयंती योग अभिजीत मुहूर्त रविवार को बहुत ही शुभ है जो 11:36 से 12:34 तक रहेगा। वैसे भी 11:59 बजे से 2:19 बजे तक कर्क लग्न रहेगा जो बहुत ही श्रेष्ठ है।
भगवान राम का जन्म दिन रविवार को मध्यान्ह 12:00 बजे अर्थात अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था। पुष्य नक्षत्र उस दिन विराजमान था और इस बार रामनवमी को वही योग बन रहा है। अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष रामनवमी का उत्सव बहुत ही महत्वपूर्ण है। दुर्गा अष्टमी शनिवार को मनाई जा रही है। जो साधक सप्तमी का व्रत रखते हैं वह अष्टमी में कन्याओं को भोजन कराएंगे। कुछ लोग अष्टमी का व्रत रख कर के नवमी में कंजकों को भोजन खिलाते हैं। अष्टमी शनिवार की है और नवमी रविवार की। दोनों ही मुहूर्त अच्छे हैं। दुर्गा अष्टमी अर्थात शनिवार को छत्र योग में मनाई जारी है। दुर्गा मां की कृपा भक्तों पर बरसेगी। श्रद्धा के साथ मां दुर्गा का विसर्जन एवं कलश विसर्जन करेंगे और नवमी में भगवान राम के जन्म दिवस उत्साह से मनाया जाएगा।