Som Pradosh Vrat 2022 Date, Puja Vidhi/tbc : सनातन धर्म में सोमवार के दिन आदिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने का विधान है। महादेव को प्रसन्न करने का महाव्रत सोम प्रदोष व्रत 11 जुलाई को रखा जाएगा।कहते हैं कि इस व्रत को रखने से जीवन में सुख शांति और संबृद्धि आती है और कुंडली से चंद्र दोष भी दूर होता है और कारोबार में उन्नति होती है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की-
त्रयोदशी तिथि का आरंभ 11 जुलाई दिन सोमवार को 11:13 से ।
त्रयोदशी तिथि का समापन 12 जुलाई दिन शुक्रवार को 7:46 पर होगा।
सोम प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त 7:22 से रात 9:24 तक रहेगा।
सोम प्रदोष का व्रत (11 जुलाई) के दिन बन रहे हैं चार शुभ योग
सोम प्रदोष का व्रत 11 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा। इस दिन शुक्ल योग प्रात: से लेकर रात 9:00 बजे तक है। उसके बाद ब्रह्म योग बनेगा। रवि योग प्रातः काल 5: 15 से 5:32 तक है। सोम प्रदोष व्रत में रवि योग, शुक्ल योग, ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग एक साथ बन रहा है। इन शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
सोम प्रदोष व्रत अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए माताएं रखती है। इसी दिन जया पार्वती व्रत भी है। अतः सोमवार के दिन पूजा-पाठ और अर्चना करने से व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। अखंड सौभाग्य और घर की उन्नति के लिए जया पार्वती का व्रत रखा जाता है। शक्ति स्वरुपा माता पार्वती की पूजा आराधना से घर धन-धान्य से भरा रहता है । ऊँ नम: शिवाय।