Guru Purnima 2022/tbc: आदि अनादि काल से ही सनातन धर्म में गुरु की महिमा,महत्ता गाई और बताई गई है।गुरु एक ऐसे सेतु हैं जो हमें ईश्वर का साक्षात्कार करवाते हैं । गुरु ही हैं जो ज्ञान का प्रकाश फैलाकर मानवता में व्याप्त अज्ञानता रुपी अंधकार को दूर करते हैं। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाई जाती है। यह दिन गुरुओं को समर्पित होता है और इस दिन लोग अपने गुरुजनों की पूजा करते हैं। जीवन के अनसुलझे अनेकों पड़ावों पर गुरु हमें सही रास्ता दिखाते हैं और ऐसे गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन काफी खास है।
गुरु पूर्णिमा तिथि व शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा
जुलाई 13, 2022 को 04:01:55 से पूर्णिमा आरम्भ
जुलाई 14, 2022 को 00:08:29 पर पूर्णिमा समाप्त
गुरु पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था और व्यास जयंती को व्यास पूजा करने की परंपरा है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि वेद व्यास जी ने महाभारत समेत कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की थी.
भारतीय सभ्यता में गुरु का विशेष स्थान है और कहा जाता है कि माता-पिता के बाद गुरु ही हैं जो कि मुनष्य को सही राह दिखाते हैं. ऐसे में गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए गुरु पूर्णिमा सबसे उत्तम दिन है. मानव जाति के प्रति महर्षि वेदव्यास का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और इन्होंने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था. इसलिए उन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी गई है.
गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है 4 राजयोग
गुरु पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद खास रहने वाली है। इसके चलते गुरु पूर्णिमा के दिन एक साथ चार राजयोग बनने का बेहद शुभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा मिथुन राशि में सूर्य-बुध की युति बुधादित्य योग भी बना रही है। कई साल बाद ऐसा मौका पड़ रहा है जब गुरु पूर्णिमा बुधादित्य योग में मनाई जाएगी । ऐसे संयोग को ज्योतिष में बड़ा शुभ माना गया है।
गुरु पूर्णिमा के दिन देवगुरु बृहस्पति यानी गुरु ग्रह की पूजा भी करनी चाहिए । जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह प्रतिकूल स्थिति में हो, उन्हें इस दिन विशेष रूप से गुरु ग्रह की पूजा करनी चाहिए। आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा पर प्रात: काल से ही इंद्र योग बन रहा है जो कि दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। जबकि रात 11 बजकर 18 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए काफी शुभ हैं।जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आ रही हो या बार-बार बात बनते-बनते बिगड़ जाती हो, उन्हें गुरु पूर्णिमा पर गुरु ग्रह से संबंधित उपाय करना चाहिए।