Mamtamai Shri Radhe Maa
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपें संस्थिता
नमस्त्स्यय नमस्त्स्यय नमस्त्स्यय नमो नमः ||
इस
पुण्य पावन मन्त्र का पाठ करते करते हमेशा मुझे मेरी गुरूमा शिव आराधिका
ममतामयी श्री राधे मा जी कि असीम अपार अनुकम्पा का ध्यान आता है ,क्यूंकि
मेरी भक्ति और श्रद्धा मुझे ये कहने पे मजबूर कर देती है कि यकीनन कृपालु
श्री राधे मा जी शिव जी द्वारा भेजे गए उन फरिश्तों में से हैं जो
जग्कल्याण के लिए इस धरती पर भेजे जाते हैं , मेरा नाम जसविंदर कोहली है और
मैं मुंबई में रहती हूँ, मेरे जन्म के इक्कीसवें दिन से ही मुझे अस्थमा
कि गंभीर शिकायत रही है, मैं इतनी बीमार रहती थी कि मुझे साल में तीन से
चार बार हस्पताल में भर्ती किया जाता था ,थोड़ी सी भी ठण्ड या ठंडा पानी या
धुल मेरे लिए ज़हर के सामान होते थे , मैं आपके समक्ष मेरे साथ हुई अनेकों
लीलाओं में से एक हृदयस्पर्शी लीला रखना चाहती हूँ, हुआ यूं के आज से करीब
तीन साल पहले हम देवी माँ जी के सानिध्य में आयोजित भव्य शोभा यात्रा जो की
कृपालु श्री राधे माँ जी की कर्मभूमि मुकेरियां (पंजाब) में बड़ी धूम धाम
और हर्शौल्हास के साथ निकाली जाती है में हाज़री देने पहुचे हुए थे ,जहाँ तक
मुझे याद है अप्रैल का महीना था और अचानक बरसात होने के कारण ठण्ड बहुत
ज्यादा बढ़ गयी थी, और उस ही दिन यात्रा के बाद हमे (मुझे और मेरे पति) वहीँ
गुरु जी के आश्रम में रुकने को कहा गया क्यूंकि करुणामयी श्री राधे माँ जी
ने हमे दर्शन देने की कृपा करनी थी, कल्पना कीजिये की पंजाब में रात
की ठण्ड और उस ठण्ड के मारे मेरी जान जा रही थी ,वहीँ नीचे एक कमरे हम
इंतज़ार कर रहे थे और उस ठण्ड में ठिठुरते हुए मैंने यहाँ तक सोच लिया था की
अगर इसमें कोई लीला है तो भी मैं ये ठण्ड बर्दाश्त कर लूंगी ,उस इंतज़ार
में करीब डेड घंटे के बाद हमे देवी माँ जी का बुलावा आया और जैसे ही हमने
गुफा ( ममतामयी श्री राधे माँ जी का कक्ष ) में प्रवेश किया तो देवी माँ जी
अपने हाथों में एक लाल स्वेटर लिए जैसे मेरी प्रतीक्षा में ही खड़े हुए थे
और झट से उन्होंने मुझे स्वयं धारण की हुई वो स्वेटर पहना दी,विश्वास
मानियेगा की उस वक़्त मुझे ऐसा लगा जैसे एक माँ ने अपने बच्चे को सर्दी से
बचाने के लिए अपने आलिंगन में ले लिया हो, उस कृपामयी क्षण में पिछले डेड
घंटे की तकलीफ जैसे छू मंतर हो गयी और मेरी आँखों से धन्यवाद करते हुए आंसू
की धरा बहने लगी,शायद देवी माँ जी ने अपनी लीला का आभास दिलाना था, इस
लीला के बाद मैं और मेरा परिवार जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन और कश्मीर
की बर्फीली ठण्ड में एक हफ्ता रहकर आये ,जहाँ कृपालु श्री राधे माँ जी
द्वारा दी हुई वो स्वेटर मैंने पहनी और मैं एक सामान्य मनुष्य जैसे रही ,न
अस्थमा हुआ न ठण्ड से शिकायत ,मेरी ममतामयी श्री राधे माँ जी की कृपा
अपरम्पार है ,यदि आप सच्ची श्रद्धा भावना से देवी माँ जी की ओर एक क़दम
बढाओगे तो निश्चित ही देवी माँ जी आपकी ओर दस क़दम बढ़ा कर दौड़ी आएँगी.

आप पर भी करुणामयी श्रीराधे माँ जी की क्रिपवार्षा होती रहे ऐसी शुभकामना करती हूँ
जितने
भी लोग इन प्रसंगों को पढ़ के श्री राधे माँ जी के अनुपम ज्ञान का रसपान कर
रहे हैं ,मैं अपने अनुभव से आप सब को विनम्रता पूर्वक ये बता दूं के हर
चौदह दिनों में एक बार माँ भगवती की चोव्की होती है तथा उस ही चोव्की में
ममतामयी श्री राधे माँ जी के दिव्य दर्शन भी होते हैं, उसके अगले शनिवार को
करुणामयी श्री राधे माँ जी की परम सेविका आदरणीय छोटी माँ जी से वचन (सवाल
जवाब ) का शुभ अवसर प्राप्त होता है, यदि आप भी ममतामयी श्री राधे माँ जी
की इस अप्रतिम, अद्भुत और अद्वितीय कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो उसका
एक मात्र उपाए हैं देवी माँ जी की सच्ची निस्वार्थ भक्ति,यदि आपकी भक्ति
में शक्ति है तभी आप करुणामयी मेरी देवी माँ जी कृपा के सच्चे हक़दार बन
सकते हैं,क्यूंकि शास्त्र भी कहते हैं के प्रभु भक्तों के आधीन ही रहते
हैं!
यदि आप भी अपने साथ हुए दिव्य अनुभव दूसरे भक्तों को बताने के इच्छुक हों तो कृपया अपनी कथाएं या उनका वर्णन sanjeev@globaladvertisers.in पर
भेज दीजिये हम पूर्ण प्रयत्न करेंगे की जल्द से जल्द आपके अनुभव प्रकाशित
हों ,और अगर आप करुणामयी श्री राधे माँ जी के बारे में और कुछ जानकारी या
ज्ञान लेना चाहें तो आप टल्ली बाबा जी से +919820969020 पर संपर्क कर सकते हैं
जय माता दी||