Articles Search

Title

Category

'Shri Radhe Maa ji' ki leelaye - P.L. Kohli

Friday, 16 September 2016 22:38

Title

Category

Mamtamai Shri Radhe Maa



जय माता दी,

  
               सर्वप्रथम करुणामयी श्री राधे माँ जी के पावन चरणों में मेरा और मेरे समस्त परिवार का कोटि कोटि नमन, परमुप्कारी सतसंगत जी अपनी ज़िन्दगी के सबसे महत्वपूर्ण चमत्कारों में से एक अनुभव जो मैं आपके समक्ष रखने वाला हूँ उससे पहले श्रीमद भगवत गीता जी के सार में से आखरी दो सार आपके ध्यान में लाना चाहूँगा जो कि इस प्रकार हैं :

  • तुम अपने आपको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।
  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का आनंद अनुभव करेगा।



मेरा नाम पुरषोत्तम कोहली है और मैं मुंबई का निवासी हूँ ,मेरी उम्र ७० साल है,आर्य समाजी संस्कारों और वातावरण में परवरिश के कारण भक्ति कि ओर  झुकाव बचपन से ही रहा है  और प्रभु कृपा इतनी हुई कि मुझे धर्मपत्नी भी भक्ति में रुचि रखने वाली ही मिली,इस भक्तिपूर्ण वातावरण और श्रद्धा भक्ति का परिणाम भी ये हुआ के हमारे बच्चों में भी भक्ति का रुझान बचपन से ही है ,कुछ ग्यारह साल पहले कि घटना है  हमारे परिवार के बहुत ही करीबी मित्र जो कि ठीक हमारे
सामने वाले फ्लैट में रहते थे ,उन्होंने किसी बैंक से एक भारी रकम का क़र्ज़ लेने कि सोची और गेरेंटर के तौर पर मेरे बेटे को रखने कि बात कि ,क्यूंकि हमारे उनसे इतने घनिष्ठ सम्बन्ध थे मैंने अपने बेटे को स्वीकृति दे दी, कुछ दिन बाद वो मित्र अपने गाँव चला गया और काफी दिन तक नहीं लौटा ,करीब दो या तीन महीने बीते तो बैंक वालों ने परेशान हो कर मेरे बेटे को बैंक बुलाकर कहा कि आपके मित्र का कुछ पता नहीं है तो अब ये सारी किश्ते और बैंक का क़र्ज़ आपको ही चुकाना पड़ेगा,हमने ये प्रस्ताव रखा कि उसका जो फ्लैट है ,बैंक उस फ्लैट को बेच कर अपना पैसा वसूल ले, पर होनी कि करनी देखिये कि जिस फ्लैट कि कीमत उदाहरण के लिए एक रुपये आंकी गयी हो उस फ्लैट के लिए २० पैसे कि  कोटेशन आ रही थी |


साथियों
उस मित्र के इंतज़ार और बैंक कि इस कर्र्य्वाही में करीब ६ साल बीत गए और आखिरकार बैंक ने हमारे फ्लैट को जपत करने का नोटिस भेज दिया ,तब तक हम ममतामयी श्री राधे माँ जी कि शरण में आ चुके थे ,बरहाल इस केस कि सुनवाई
के लिए इस उम्र में करीब ४० किलोमीटर का सफ़र तये करके कोर्ट जाना पड़ता था, काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिससे हमारे परिवार में बहुत हद तक अस्थिरता सी आ गयी थी क्यूंकि बैंक इतने सालो का ब्याज जो कि कई लाखों
में जाता था,उसका ज़िम्मेदार हमे बना रहा था ,कहते है न गरीबी में आटा गीला,ठीक वैसा हाल हो गया था,मैं रिटाएर हो चूका था,मेरी पत्नी स्कूल में टीचर और मेरे बच्चों का भी काम काज इतना ज़ोरों में नहीं था कि हम इस भुगतान का बोझ उठा पाते,मुझे याद है कि कृपालु श्री राधे माँ जी कि शरण में आये हुए थोडा ही वक़्त गुज़रा था और उस दिन २२ नवम्बर कि रात थी जब माँ चोकी हो रही थी और तत्पश्चात देवी माँ जी के दर्शन होने थे, वहीँ बीच चोकी में पता नहीं मेरे मन के भाव रुके नहीं और मेरी आँखों से मानो एक सैलाब सा बह उट्ठा और मैं बच्चों कि तरह फूट फूट कर रोने लगा और मन से
सिर्फ यही अरदास निकली के हे ममतामयी श्री राधे माँ जी अपने इस बच्चे का कल्याण करो,इस गहरी विपदा से मुझे और मेरे परिवार को बाहर निकालो , साथियों ये सत्य है कि मेरी देवी माँ जी अपने भक्तों कि अंतर्मन द्वारा हुई करुण
पुकार अवश्य सुनतीं हैं,जैसे ही दर्शन खुले और मैंने दर्शन किये तो मुझे देवी माँ जी ने अपने पास बुलाकर अपनी ममतामयी नज़रों से निहारा,आशीर्वाद दिया और जाने का इशारा भी किया, मुझे यकीन तो था ही कि करुणामयी श्री राधे
माँ जी ही मुझे इस कष्ट से निकालेंगी जो कि अब और द्रिड हो गया , इसके तीन दिन बाद २५ नवम्बर को कुछ ऐसा हुआ जो कि शायद मेरे और मेरे परिवार के लिए नामुमकिन ही था, दोपहर को बैंक से एक व्यक्ति हाथ में कुछ पपेर्स का
डोकेट लिए हमारे घर आकर बोला कि कोहली साब ये आपके जपत किये हुए पेपर हैं और आप इस केस से बाहर हो गए हैं क्यूंकि आपके मित्र के घर कि कीमत जो कि अब तक एकदम कम आ रही थी अब उसके मूल्य से ऊपर का दाम बैंक को मिलने के कारण आप इस केस से बरही हो गए हैं!  नम्म , स्तब्ध और भीगे हुई आँखों से हम माँ के स्वरुप को देख कर लाख लाख धन्यवाद करने लगे तथा अपने चरणों में यूँ लगाए रखने की बिनती करते रहे!  राधे देवी माँ जी का मैं किन शब्दों में धन्यवाद करूँ मुझे सूझता नहीं !इस प्रेम,कृपा और परम आशीर्वाद के लिए मेरा समस्त परिवार करुणामयी श्री राधे माँ जी का सदा सदा के लिए कृतग्य रहेगा !



मैं आपसब से ये निवेदन करना चाहता हूँ कि सच्ची भक्ति,लगन और विश्वास से ही मेरी कृपालु श्री राधे माँ जी कि शरण में आइये, यकीनन आपका भी उद्धार और कल्याण होगा जैसे हमारे परिवार का हुआ है ,विदा लेने से पहले मैं आप सब को एक बार फिर श्रीमद भगवत गीता जी के सारों में से मुख्य अंतिम दो सार का स्मरण करा दूं, जो कि कुछ इस प्रकार हैं  :

  • तुम अपने आपको भगवान के अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।

  • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान के अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का आनंद अनुभव करेगा।">
Read 35898 times

Ratings & Reviews

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

Wallpapers

Here are some exciting "Hindu" religious wallpapers for your computer. We have listed the wallpapers in various categories to suit your interest and faith. All the wallpapers are free to download. Just Right click on any of the pictures, save the image on your computer, and can set it as your desktop background... Enjoy & share.