जैन धरà¥à¤® की जानकारियां १.जिससे आतà¥à¤®à¤¾ परम..
जैन धरà¥à¤® की जानकारियां १.जिससे आतà¥à¤®à¤¾ परम पवितà¥à¤° बनती हैं,उसे धरà¥à¤® कहते हैं . २.जैन धरà¥à¤®à¤‚ मैं जà¥à¤žà¤¾à¤¨ -धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤¾ हैं, कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ -कांड की नहीं .३.जैन धरà¥à¤® के मूलाधार तीन हैं -समà¥à¤¯à¤• दरà¥à¤¶à¤¨,समà¥à¤¯à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨,समà¥à¤¯à¤• चारितà¥à¤° . इन तीनो की à¤à¤•ता ही मोकà¥à¤· मारà¥à¤— का रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाती हैं . ४.संसार का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ अपने à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ का सà¥à¤µà¤¯à¤‚ विधाता हैं और अपने अचà¥à¤›à¥‡ बूरे करà¥à¤®à¥‹ का फल सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही à¤à¥‹à¤—ता हैं . ५.विशà¥à¤µ के समसà¥à¤¤ à¤à¤µà¥à¤¯ आतà¥à¤®à¤¾à¤“ में परमातà¥à¤®à¤¾ बनाने की शकà¥à¤¤à¤¿ हैं . ६."जियो और जीने दो"जैन धरà¥à¤® का विशेष पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ मातà¥à¤° के लिठà¤à¤¾à¤ˆ चारा पà¥à¤°à¥‡à¤® के लिठनैतिक सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ हैं . à¥.पà¥à¤°à¤à¥ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿,आराधना,तीरà¥à¤¥ वंदना,गà¥à¤°à¥ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, वैयà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿, उपासना, वॠआहार देने से पापो का कà¥à¤·à¤¯ होता हैं और पà¥à¤£à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती हैं अतः पà¥à¤°à¤¤à¥‡à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ देव,शासà¥à¤¤à¥à¤°,गà¥à¤°à¥ की आराधना करनी चाहिठ. ८.हमें पापो से घृणा करनी चाहिठपापियों को धरà¥à¤® उपदेश सà¥à¤¨à¤¾à¤•र व समà¤à¤¾à¤•र सदाचारी बनाना चाहिठ. ९.णमोकार मंतà¥à¤° जैन धरà¥à¤® का मूल मंतà¥à¤° हैं इस मंतà¥à¤° मैं अरिहंतो को ,सिदà¥à¤§à¥‹ को,आचारà¥à¤¯à¥‹ को,उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को,सरà¥à¤µ साधà¥à¤“ को नमसà¥à¤•ार किया गया हैं . १०.सà¥à¤– शांति के मारà¥à¤— मैं बाधक हमारे गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ शतà¥à¤°à¥ हैं . उनके नाम इस पà¥à¤°à¤•ार हैं -कà¥à¤°à¥‹à¤§ ,मान,माया,लोà¤,हिंसा,à¤à¥‚ट,चोरी,कà¥à¤¶à¥€à¤²,परिगà¥à¤°à¤¹,राग,दà¥à¤°à¥‡à¤· .